५ जून को हम सब विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मानते है परन्तु क्या सिर्फ एक ही दिन काफी है पर्यावरण को बचाए रखने के लिए ? आप सब खुद से ही पूछिए कि क्या आप अपने आस पास के पर्यावरण से खुश है? निश्चित ही आपका उत्तर न ही होगा |

आज सबसे पहले स्वच्छ भारत उपकर की बात करते है| हमारे प्रधानमंत्री जी ने हमारे ही पर्यावरण को बचने के लिए स्वच्छ भारत उपकर को लगाने की बात कही होगी परन्तु कई लोगो को तो ये महंगाई की मार लगी | निश्चित ही कर अधिक देना पड़ रहा है परन्तु पर्यावरण को स्वच्छ रखना भी तो जरूरी है| किसी के स्वास्थ्य का मूल्य ,उसके द्वारा दिए गये उपकर से तो बहुत अधिक है | सबसे जायदा अचंभित करने वाली बात ये है कि स्वच्छ भारत उपकर का विरोध करने वालो में बहुत से लोग ऐसे थे जो मल्टीप्लेक्स में जाकर खाने की चीजों पर उनके उचित मूल्य से २००%-४००% जायदा खर्च कर देते है परन्तु ०.५% उपकर उन्हें महंगाई की मार लग रही है | खैर इस बारे में विस्तृत रूप से फिर कभी बात करेंगे, अभी पर्यावरण की बात करते है|

कुछ लोग तो ये भी सोच रहे होंगे की पर्यावरण के बारे में आज ही क्यों बात की जा रही है, अरे हम भी तो आपके ही साथ के हैं| वास्तवकिता तो ये है कि हम सभी को जागरूक होना होगा तभी हम अपने पर्यावरण को बचा पाएंगे|

विश्व पर्यावरण  साल की आवश्यकता

आज के समय में हम सब अपने पर्यावरण को उस मोड़ पर ले आये है जहाँ से आगे जाने पर हम सबके अस्तित्व पर भी खतरे की आशंका उत्पन्न हो सकती है| ऐसे में हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा, थोड़ी मेहनत भी करनी होगी|  हम सबके प्रयासों से ही हम अपने पर्यावरण को बचा पाएंगे|

आज हमे जरूरत है विश्व पर्यावरण साल की, जिससे कि हम पूरे साल अपने पर्यावरण को स्वच्छ करे| यदि हमने एक पूरे साल अपने पर्यावरण का ध्यान रखा और पर्यावरण को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किये तो ये बात निश्चित है कि हमे सिर्फ एक पर्यावरण साल में ही अपने पर्यावरण के साथ साथ अपने स्वास्थ्य में भी सुधर देखने को मिलेगा |

सकारात्मक सोच

सकारात्मक सोच के साथ ही हम अपने पर्यावरण को बचा सकते है| अभी हम सब विश्व पर्यावरण दिवस के साथ ही अपने पर्यावरण में बहुत कुछ परिवर्तन कर सकते है| आज के समय में किसी को ये बताने कि आवश्यकता नहीं है कि पर्यावरण के लिए क्या करना है और क्या नहीं करना है| सबको सब कुछ पता है बस जरुरत है तो कुछ करके दिखाने की|

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